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सात दोहे
जल से काया शुद्ध हो, सत्य करे मन शुद्ध,ज्ञान शुद्ध हो तर्क से, कहते सभी प्रबुद्ध।धरती मेरा गाँव है, मानव मेरा मीत,सारा जग परिवार है, गाएँ सब मिल गीत।ज्ञानी होते हैं सदा, शांत-धीर-गंभीर,जहाँ नदी में...
View Articleसमर भूमि संसार है
दुख के भीतर ही छुपा, सुख का सुमधुर स्वाद,लगता है फल, फूल के, मुरझाने के बाद।हो अतीत चाहे विकट, दुखदायी संजाल,पर उसकी यादें बहुत, होतीं मधुर रसाल।विपदा को मत...
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