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Channel: शाश्वत शिल्प
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डरता है अंधियार

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जगमग हर घर-द्वार  कि अब दीवाली आई,
पुलकित  है  संसार  कि  अब  दीवाली आई।


दुनिया के  कोने-कोने  में  दीप  जले हैं, 
डरता है अंधियार कि अब दीवाली आई।


गीत प्यार के गीत मिलन के गीत ख़ुशी के, 
गाओ  मेरे   यार   कि  अब   दीवाली  आई।


जी भर जी लो गले लगालो सबको हंसकर,
जीवन के  दिन  चार  कि अब दीवाली आई।


दुनिया से  अब  द्वेष  मिटाकर ही दम लेंगे,
दिल में रहे बस प्यार कि अब दीवाली आई।


सुख समृद्धि स्वास्थ्य संपदा मिले सभी को,
यही  कामना   चार  कि   अब दीवाली आई।


धरती  सागर  जंगल सरिता गगन पवन पर,
हो सबका  अधिकार कि  अब  दीवाली आई।


खुद  भी  जियो   और   दूसरों को जीने दो,
जीवन  का यह सार कि अब  दीवाली  आई।



जीवन के इस महा समर में दुआ करें हम,
हो न किसी की हार कि अब दीवाली आई।


अक्षत  रोली  और  मिठाई  ले  आया  हूं,
स्वीकारो  उपहार  कि अब दीवाली  आई।

दीपावली की अशेष शुभकामनाओं के साथ...

                                       -महेन्द्र वर्मा

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