मेरी दूसरी पुस्तक ‘सच के झरोखे से ’ का विमोचन
‘कोईभीकृतिकारअमरनहींहोताकिन्तुउसकीकोईअमरहोजातीहै।‘यहविचारव्यक्तकियाविद्वानभाषाविदडॉ. चित्तरंजनकरने।वेमहेन्द्रवर्माकीनईपुस्तक“सचकेझरोखेसे”केविमोचनसमारोहमेंमुख्यअतिथिकीआसंदीसेसभाकोसंबोधितकररहेथे।उन्होंनेकहाकिसत्यतोनिरपेक्षहोताहैलेकिनसचलौकिकदृष्टिकोणकोव्यक्तकरताहै।इसपुस्तककाशीर्षकऔरइसकीविषयवस्तुउसी लौकिकसचकोविभिन्नसंदर्भोंमेंउद्घाटितकरताहै।डॉ. करनेपुस्तककेइसअंशकाविशेषउल्लेखकिया– ‘ऋग्वैदिककालीनदेवताओं– द्यु, आपः, मरुत, इंद्रा, अग्नि, पर्जन्य, ऊषा, सोम, सविता, पृथ्वीआदिकीविशेषताओंकोउनलोगोंनेजानाजिन्हेंआजहमवैज्ञानिककहतेहैं।यदिईश्वरकीलीलाकाचिंतन-मननकरनेवालोंकोधार्मिकऔरआस्तिककहाजाताहैतोऐसेमहानवैज्ञानिकहीसच्चेअर्थोंमेंधार्मिकऔरआस्तिकहैंक्योंकिवेसृष्टिकीसर्वोच्चसत्ताऊर्जाऔरउससेनिर्मितपदार्थोंकीनिरंतर‘उपासना’करतेहैं।
विमोचनसमारोहकीअध्यक्षताकरतेहुएप्रसिद्धछंदकारश्रीअरुणनिगमनेकहा- ‘इसपुस्तककेसभीआलेखशोध-आलेखहैं।लेखकनेपरिश्रमपूर्वकविभिन्नआलेखोंमेंसंबंधिततथ्योंकेमूलकारणोंतकपहुंचनेकाप्रयासकियाहै।छत्तीसगढ़मेंगद्यलेखनमेंयहपुस्तकमीलकापत्थरसिद्धहोगी।स्वामीस्वरूपनन्दमहाविद्यालयकीप्राचार्यडॉ. हंसाशुक्लाकार्यक्रमकीप्रमुखवक्ताथीं।उन्होंनेपुस्तककेएकआलेख‘सचक्याहै’काविशेषरूपसेउल्लेखकरतेहुएकहाकियहआलेखसम्पूर्णपुस्तककाप्रतिनिधित्वकरताहै।किसीघटनाकेकारणोंकोहमबिनातर्ककिएमांलेतेहैतोयहएकअलगतरहकाविश्वासहैऔरयदितर्कोंकेद्वाराकारणोंकोपहचानतेहैतोयहअलगतरहकाविश्वासहोताहै।साहित्यकारजगदीशदेशमुखनेअपनेउद्बोधनमेंपुस्तककेमहत्वपूर्णबिंदुओंकोरेखांकितकिया।
हिन्दीसाहित्यभारतीकेप्रदेशाध्यक्षश्रीबलदाऊरामसाहूकेअयोजकत्वमेंसम्पन्नइसकार्यक्रमकाशुभारम्भअतिथियोंकेद्वारामाँसरस्वतीकेपूजन-अर्चनसेहुआ।बलदाउरामसाहूने स्वागतउद्बोधनउद्बोधन में कहा कि पुस्तक में कुल 32 आलेख हैं जो साहित्य, कला, विज्ञानं, धर्म, दर्शन, संगीत, लोक परंपरा आदि विविध विषयों पर लिखे गए हैं I इस केपश्चातअतिथियोंकापुष्पहारसेस्वागतकियागया।लेखकीयवक्तव्यमेंमहेन्द्रवर्मानेकहाकिअध्ययनशीलतासचऔरभ्रमकोअलग—अलगचिह्नितकरदेतीहै।सामान्यजन-मानसमेंव्याप्तभ्रमनेइसपुस्तककोलिखनेकीप्रेरणादी।
कार्यक्रमकेअंतमेंअतिथियोंकोस्मृतिचिह्नभेंटकियागया।लोक- गायकऔरगीतकारश्रीसीतारामसाहू‘श्याम’नेकार्यक्रमकासंचालनकिया।उन्होंनेविमोचितपुस्तककेशीर्षकोंकोलेकरलिखीगईस्वरचितकविताभीप्रस्तुतकी।विशेषरूपसेपधारेश्रीमोतीलालसाहूनेबांसुरीवादनप्रस्तुतकिया।आभारप्रदर्शनडॉ. बी. रघुनेकिया।कार्यक्रममेंश्रीमतीमाधुरीकर, श्री पूनारामसाहू, कु. सुजात,डॉ. आशीष साहू , श्री बागची आदिउपस्थित थे।
- 'छत्तीसगढ़ आसपास'में प्रकाशित रिपोर्ट